मेष लग्न की कुंडली के एकादश भाव में स्थित सूर्य
sun in 11th house – ग्यारहवें भाव में अपने शत्रु शनि की राशि पर स्थित सूर्य के प्रभाव से जातक को अर्थ लाभ के लिए विशेष परिश्रम तो करना पड़ता है, परंतु लाभ भी अत्यधिक होता है |
ग्यारहवें भाव में पाप ग्रह शक्तिशाली माना जाता है | यद्दपि सूर्य पाप ग्रह में नहीं आता लेकिन क्रूर ग्रह की संज्ञा में आता है | इसलिए ऐसे जातक लाभ के लिए कभी-कभी क्रूरता पूर्वक व्यौहार करने में संकोच नहीं करते |
शनि की राशि में होने के कारण द्विभाषीय होते हैं, तथा चतुर भी बहुत होते हैं और उसी चातुर्य के माध्यम से गलत तरीके से भी धन अर्जित करते हैं |
सातवीं दृष्टि से स्वराशि वाले पंचम भाव को देखने के कारण जातक अपनी शिक्षा और बुद्धि के माध्यम से आय के क्षेत्र में नए श्रोत तैयार करते हैं | और अपने कौशल से अच्छा लाभ प्राप्त करते हैं |
ऐसे जातको को संतान का पूर्ण सुख तथा सहयोग प्राप्त होता है | और संतान से भी लाभ होता है | हाँलाकि ऐसे व्यक्ति संतान के प्रति कुछ कठोर होते हैं | परन्तु उनसे प्रेम भी करते हैं |
ऐसा जातक अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए अपनी तीक्षण वाणी से लोगों को आहत करने से नहीं चूकते हैं | अर्थात कटुभाषी होते हैं | तथा उसी से लाभ भी उठाते है |
एकादश भाव में स्थित सूर्य के उपाय – sun in 11th house
- आपको रविवार का व्रत करना चाहिए | संभव हो तो रविवार को सिर्फ फलाहार ही करना चाहिए |
- मंदिर में या किसी ब्रम्हाण को तांवे का पात्र दान करना चाहिए |
- ब्रम्हाण को सीदा देते हैं तो गेंहूँ और गुड दान में देना चाहिए |
- जिस दिन व्रत रखते हैं यदि संभव हो तो उस दिन जमीन पर शयन करना चाहिए |
- रविवार को कभी मूली भूलकर भी न खाएं | बल्कि संभव हो तो शनिवार को खरीदकर रखलें तथा रविवार को दान करदें |
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